राजस्थान : राजमल मीणा
बारां, 22 मई। जिला कलक्टर राजेन्द्र विजय ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर समीप है और यह बच्चों को प्रभावित करेगी अतः सभी को संवेदनशील होकर समग्र रूप से प्रयास करते हुए बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए समस्त आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए पूर्व तैयारी कर लेनी चाहिए।
कलक्टर विजय शनिवार को वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से जिले के समस्त ब्लॉक के अधिकारियों को कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के तहत पूर्व कार्य योजना तैयार करने, आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं आईईसी के माध्यम से जागरूकता हेतु संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तर पर एसडीएम, विकास अधिकारी, बीसीएमओ सहित सभी कार्मिक संबंधित ब्लॉक की आवश्यकताओं, संसाधनों से भली भांति परिचित हैं अतः इस आपदा की तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य व जिला स्तरीय निर्देशों का इंतजार न करें बल्कि बच्चों व आमजन के स्वास्थ्य के रक्षण के लिए आवश्यक पूर्व कार्य योजना सहित वांछित संसाधनों की सूची शीघ्रता से भिजवाना सुनिश्चित करें जिससे कोई समस्या विकराल न हो।
कलक्टर विजय ने कहा कि सहरिया बहुल क्षेत्र किशनगंज, शाहबाद क्षेत्र के कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की नियमित निगरानी, न्यूट्रीशन व मेडिकल किट वितरण की तैयारियां कोर ग्रुप के साथ पूर्ण कर लेनी चाहिए। इसी क्रम में स्थानीय सरपंच, वार्डपंच सहित जनप्रतिनिधियों को समस्त बैठकों एवं कार्ययोजना में शामिल कर आमजन को जागरूक किया जाना चाहिए।
सीईओ जिला परिषद बृजमोहन बैरवा ने कहा कि एक्सपर्टस के अनुसार तीसरी लहर बच्चों को विशेषतः प्रभावित करेगी अतः घर-घर सर्वे करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग अतिकुपोषित व कुपोषित बच्चों के अभिभावकों के मोबाईल नंबर अपने पास रखें जिससे ऐसे बच्चों को टेªस कर उपचार दिया जा सके।
जिले के समस्त एमटीसी को सुदृढ़ करते हुए वार्ड, आवश्यक चिकित्सा संसाधानों की व्यवस्था पूर्ण करें, लेबर रूम की स्वच्छता के लिए एसडीएम भौतिक निरीक्षण करें, 6 से 18 वर्ष के बच्चों की निगरानी शिक्षा विभाग के माध्यम से शिक्षकों को नियुक्त कर किया जाए। जिला स्तर पर सरपंच का वाट्सऐप ग्रुप बनाया है इसी प्रकार प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर वार्ड पंच के वाट्सऐप ग्रुप भी तैयार कर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाना चाहिए।
सीएमएचओ डॉ. संपतराज नागर ने कहा कि तीसरी वेव के तहत पूर्व तैयारी करते हुए छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष फोकस रखना है जिले में 350 अतिकुपोषित एवं लगभग 3 हजार कुपोषित बच्चों की संख्या है जिनकी ईम्यूनिटी कम होती है और इनमें संक्रमण की संभावना भी सबसे अधिक है अतः एएनएम व आशा के माध्यम से प्रत्येक बच्चे की मॉनिटरिंग की जाएगी। इन बच्चों को एनर्जी सप्लीमेंट फूड पाउच का वितरण भी करवाया जाएगा।
इसी क्रम में वर्तमान में जो एमटीसी कार्यरत नहीं है उन सभी को समस्त आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ प्रारंभ किया जाएगा। बीसीएमओ बच्चों के लिए ऑक्सीजन मास्क, बच्चों के केनूला, आवश्यक दवाओं, सीएचसी पर बच्चों के लिए बेड की व्यवस्था, ऑक्सीजन की व्यवस्था, सीपेप मशीन, सक्शन मशीन, मॉनिटर्स, ईडीएनएस पैकेट्स की आवश्यकता संबंधी सूची शीघ्र भिजवा दें जिससे समस्त आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा सके।
महिला एवं बाल विकास अधिकारी हरिशंकर नुवाद ने कहा कि कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की सूची, नाम, मोबाईल नंबर सहित संबंधित उपखंड अधिकारियों को भिजवा दी जाएगी। इसी क्रम कें सीडीपीओ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रतिदिन निरीक्षण करते हुए बच्चों की मॉनिटरिंग करेंगे साथ ही मेडिकल किट वितरण के साथ ओआरएस व जिंक के पैकेट का वितरण की व्यवस्था भी की जानी चाहिए।
जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक सीताराम मीणा ने कहा कि जिले के समस्त पीईईओ के माध्यम से 6 से 18 वर्ष के बच्चों की मॉनिटरिंग की जाएगी एवं मॉनिटरिंग के लिए 15 से 20 बच्चों पर एक शिक्षक को हेल्थ गाईड अथवा गार्जियन के रूप में नियुक्त किया जाएगा। वीसी के दौरान समस्त उपखंड से एसडीएम एवं बीसीएमओ ने ट्यूशन सेन्टर पर पाबंदी, वैक्सीनेशन को गति देने, सीएचसी पर एनआईसीयू विकसित करने,
मेडिकल किट शीघ्र भिजवाने, घर-घर सर्वे जारी रखने, आयुर्वेद चिकित्सकों को अभियान में शामिल करने, पीएचसी लेवल तक टास्क फोर्स गठित करने संबंधी सुझाव प्रस्तुत किए। इस अवसर पर एसडीएम दिव्यांशु शर्मा, पीएमओ डॉ. बिहारीलाल मीणा, सीडीईओ रामनाराण मीणा, समस्त एसडीम, विकास अधिकारी, बीसीएमओ एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी व कार्मिक मौजूद थे।