केंद्रीय मानवाधिकार संगठन नई दिल्ली, जिला शाखा भंडारा की ओर से मराठा साम्राज्य के जनक छत्रपति शिवाजी महाराज की ३९२ वी जयंती नंदागवली कोचींग क्लासेस शहापूर में बड़े जोर-शोर से और हर्षोल्लास से मनाई गई। कार्यक्रम के अध्यक्ष माननीय डॉक्टर देवानंद नंदागवली (महाराष्ट्र राज्य के प्रभारी), मुख्य अतिथि भारत भूषण तिरपुड़े, महेंद्र तिरपुड़े (विदर्भ उपाध्यक्ष), अनिल चचाने (तालुका सचिव) ने छत्रपति शिवाजी महाराज और महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और दिप जलाकर अभिवादन किया गया। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और छात्रों ने शिवाजी महाराज के कार्यों पर प्रकाश डालकर मार्गदर्शन किया। छात्रों ने गीत के रूप में शिवाजी महाराज का अभिनंदन किया। अपने अध्यक्षीय मार्गदर्शन में डॉक्टर देवानंद नंदागवली ने कहा कि, मराठा स्वराज्य के जनक छत्रपति शिवाजी महाराज का कार्य विश्व के लिए प्रेरणादाई है और शिवाजी राजे विश्व के आदर्श नेता हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज एक सामाजिक क्रांतिकारी, अभिभावक, अच्छे प्रशासक, पर्यावरणविद्, स्वधर्म चिकित्सक, जलविज्ञानी, सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर, गड-किलों के निर्माता, अंधविश्वास विरोधी संदेश के उपदेशक, सामाजिक क्रांति के संस्थापक मातृभक्त, नारीक्ष राजा थे। छत्रपति शिवाजी महाराज ने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और लोगों में स्वाभिमान का संचार किया। गुरिल्ला कावा के प्रभावी प्रयोग ने देश में प्रथम सेना की स्थापना की। उसने अपने शासन में कई गड – किलों का निर्माण किया। जात-पात, धर्म की बजाय अपने राज कारभार में कर्तुत्व को महत्व दिया। उसने अपने राज्य में सभी महिलाओं को सम्मान दिया। देशभक्ति का सर्वोच्च नाम शिवाजी होंगे। चूंकि शिवाजी राजे चरित्र के धनी थे। उनके साथी, सैनिक और प्रजा न्यायी थे। नेतृत्व अच्छा था तो प्रजा भी अच्छी। सामाजिक परिवर्तन का उनका कार्य आज भी दुनिया के लिए प्रेरणादाई है। सभी भारतीयों को शिवाजी महाराज के चरित्र को पढ़ना चाहिए और उनके गुणों को अपनाना चाहिए ताकि कोई भी देश के समग्र विकास को रोक न सके। ऐसा संबोधन डॉ. देवानंद नंदागवळी ने किया। होनहार छात्रोंको शिवचरित्र और पुष्पगुच्छ भेट देकर सम्मानीत किया गया। कार्यक्रम में छात्रों ने बढ चढकर भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन कुमारी मोनिका बारई ने किया और उपस्थित सभी अतिथियों का और विद्यार्थियों का आभार कु. वैश्नवी मासुरकर ने माना।