जागतिक पर्यावरण दिन सम्पन्न केन्द्रीय मानवाधिकार संगठन के महाराष्ट्र राज्य प्रभारी डॉ. देवानंद नंदगावळी और संगठन की पूरी टीम थी मौजूद

0
579

केंद्रीय मानवाधिकार संघटन नवी दिल्ली की ओर से जागतिक पर्यावरण दिन संपन्न

भंडारा: केंद्रीय मानवाधिकार संघटन नवी दिल्ली की ओर से ग्राम खुटसावरी, तालुका – जिल्हा भंडारा मे जागतिक पर्यावरण दिन मनाया गया। आज हि के दिन पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिन मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस के अवसर पर, केंद्रीय मानवाधिकार संगठन, नई दिल्ली ने ग्राम खुटसावरी के जिला परिषद स्कूल के प्रांगण में और सड़क के किनारे ऑक्सीजन देने वाले पेड़ लगाए। केंद्रीय मानवाधिकार संगठन के महाराष्ट्र राज्य प्रभारी डॉ. देवानंद नंदागवली के मार्गदर्शन में वृक्षारोपण कार्यक्रम संपन्न हुआ। ग्राम की प्रथम नागरिक ग्राम पंचायत सरपंच सौ. मनीषा वासनिक की अध्यक्षता में और श्री प्रदीप चेटुले (ग्रामसेवक), श्री संदीप खंडाते (उपसरपंच), ग्राम पंचायत सदस्या सौ. ज्योति नंदेश्वर, सौ. प्रियंका सार्वे, सौ. संगीता बोरकर, सौ. रूपाली शहारे, श्री बाबूलाल वासनिक, रुस्तम टेंभुर्ने (ग्राम पंचायत कर्मचारी), कुणाल गेडाम (रोजगार सेवक), सामाजिक कार्यकर्ते देवानंद नंदेश्वर, मंगेश हुमने, अचल मेश्राम, केंद्रीय मानवाधिकार संगठन के महेंद्र तिरपुड़े, अनिल चचाने, भारतभूषण तिरपुड़े की प्रमुख उपस्थिति में वृक्षारोपण किया गया। वृक्षारोपण कार्यक्रम में गांव के ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। उपस्थित प्रत्येक नागरिक ने एक एक पेड़ लगाया और उस पेड़ को जीवित रखने का संकल्प किया। इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में छोटे छोटे बच्चो ने भी भाग लेकर स्कूल के प्रांगण मे पौधे लगाये।
हमारे जीवन में पर्यावरण संतुलन के लिए पौधे लगाना कितना महत्वपूर्ण है, कोरोणा काल में ऑक्सीजन की कमी के कारण दुनिया भर में कई लोगों की जान चली गई है। पेड़ों का महत्व भले ही सभी जानते हों, लेकिन हम उन्हें बचाने का प्रयास नहीं कर पाए। जंगल दिन-ब-दिन सिकुड़ने लगे, पेड़ों की संख्या घटने लगी और वर्तमान सरकार ने विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई की और आज हम उसका परिणाम भुगत रहे हैं। ऑक्सीजन की कमी के कारण पूरी दुनिया में जो बिकट स्थिति पैदा हुई है, उससे निपटने के लिए और आने वाली पीढ़ियों को ऑक्सीजन की कमी से न जूझना पड़े, इसके लिए जहां भी संभव हो वृक्षारोपण किया जाए। सिर्फ पेड़ लगाना ही आवश्यक नही बल्कि उसकी देखभाल भी करना आवश्यक है। पेड़ों का महत्व भले ही सभी जानते हों, लेकिन हम उन्हें बचाने का प्रयास नहीं कर रहे। जंगल दिन-ब-दिन सिकुड़ने लगे। पेड़ों की संख्या कम होने लगी। वर्तमान सरकार ने विकास के नाम पर पेड़ों को काटा है और इसका खामियाजा आज भुगतना पड़ रहा है। ऑक्सीजन की कमी के कारण पूरी दुनिया में जो विकट स्थिति पैदा हुई है, उससे निपटने के लिए और आने वाली पीढ़ियों को ऑक्सीजन की कमी से न जूझना पड़े, इसके लिए जहां भी संभव हो वृक्षारोपण किया जाना चाहिए। आइए हम सभी इस वर्ष कम से कम पांच पेड़ लगाने और इसे जीवित रखने का निर्णय लें। ऐसे शब्दों में डॉ. देवानंद नंदागवली ने उपस्थितोंको मार्गदर्शन किया।
ग्राम सरपंच श्रीमती मनीषा वासनिक ने केंद्रीय मानवाधिकार संगठन, नई दिल्ली द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की न केवल सराहना की, बल्कि यह भी कहा कि हम गाँव में इसी तरह के कार्यक्रम करते रहेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता अचलजी मेश्राम और मंगेशजी हुमने ने पर्यावरण दिवस का महत्व समझाया जबकि वृक्षारोपण कार्यक्रम के अंत में सामाजिक कार्यकर्ता देवानंद नंदेश्वर ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here